A Simple Key For Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana Unveiled



जब हमें डर लगता है वास्तव में उसके पीछे कोई न कोई कारण जरूर होता है एक आम रूप में डर (भय) लगना स्वाभाविक है जिसे बच्चे, बूढ़े, नवजवान यहां तक अन्य जीव-जंतुओं में भी डर की प्रतिक्रियाए देखने को मिलती है

रजिस्टर करें आइए एक घटना से समझते हैं कि मन के डर को कैसे दूर कर सकते हैं?

इन विचारों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं – ये सिर्फ शब्द नहीं, ऊर्जा हैं।

किसी भी स्थिति में “फ्रीज़” हो जाते हैं

जिसके बारे में सोच सोचकर हमारा मन परेशान होता रहता है और दिल धक् धक् करता रहता है. मान लीजिये आपका किसी के साथ झगडा हो गया है.

डर को दूर करने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप अपने डर को पहचानें और जान लें कि वास्तव में क्या चीज है जिससे आप डरते हैं। जब आप डर की स्थिति में हों, तो उस वक्त आपके दिमाग में क्या चीजें और विचार चल रहे हैं, कैसी तस्वीरें बन रही हैं, Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana उन पर ध्यान दें। क्या आप सच में डरे हुए हैं या यह केवल एक बाहरी प्रेशर है। अपने इनर स्पेस का एक ऑब्ज़र्वर बनें।

तो ऐसा सोच सोचकर वो चीज़ों को और मुश्किल बना लेते हैं.

इसलिए अगर निर्भीक रहना चाहते हैं या सोच रहे हैं की अपने मन मस्तिष्क के डर को कैसे दूर भगाए तो भगवान् को रोजाना याद करें.

एक वजह जुडी है भगवान् से और दूसरा कारण है वैज्ञानिक कारण. पहले जानते हैं भगवान् से जुड़ा हुआ कारण.

डर क्या है और क्यों लगता है – लोगों में किस किस तरह का डर होता है

डरना कोई बीमारी, अभिशाप या मानसिक रोग नहीं हैं, यकीनन जिस तरह आज लोग डर के विषय में अपनी अवधारणाएं बनाए हैं यदि कोई व्यक्ति बहुत जल्दी डर जाता है तो उसे कमजोर निर्बल जैसी भावनाओं से देखा जाता है मगर वास्तव में डर लगना हमारे लिए फायदेमंद और जरूरी होता है

गहरी साँस लेने के की एक्सरसाइज करें। अपनी साँस पर ध्यान केंद्रित करें, और अपनी सांसों को गिनना शुरू करें: चार सेकंड के लिए साँस लें और फिर चार सेकंड के लिए साँस छोड़ें। जब ये आपको सहज महसूस होने लगे, तो इसे छह सेकंड तक बढ़ाएँ।

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कुछ स्थानों या स्थितियों से बचने की कोशिश करना।

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